September 20, 2015

सकारात्मक सोच से आसान होगा जीवन

नकारात्मक सोच के कई कारण होते हैँ। कोई व्यक्ति किसी एक कारण के चलते नकारात्मक सोच रख सकता है तो दूसरे की सोच नकारात्मक होने का कोई दूसरा कारण हो सकता है। इसलिए अपनी सोच की तुलना दूसरोँ की सोच के साथ मत करिए। नकारात्मकता से बाहर निकलने के भी कई रास्ते या तरीके हो सकते हैं। इनमेँ से कुछ प्रमुख व चुनिंदा तरीकोँ के बारे मेँ बताया जा रहा है। * हर बात की गहराई तक सोचना बंद कर दीजिए। जिदंगी 100 फीसदी आसान या 100 फीसदी कठिन नहीँ हो सकती है। नए लोगोँ से मुलाकात करने से पहले कुछ नर्वसनेस होती है लेकिन
यह सोचना कि नए लोग मुझे बिल्कुल पसंद नहीँ करेँगे, मिथ्या है। ऑफिस से घर जाते वक्त बारिश होने पर यह सोचने के बजाय कि पूरी शाम या पूरी रात बर्बाद हो गई, यह सोचना चाहिए कि घर जाने मेँ अब थोड़ा ज्यादा समय लग जाएगा। हर बात मेँ कुछ न कुछ पाजिटिव होता है, सिर्फ उसे देखिए। * दूसरे लोगो द्धारा दिए जा रहे निगेटिव सांइस का इंतजार मत करिए। कोई व्यक्ति एक बात कहता है तो बाकी बातोँ के बारे मेँ खुद-ब-खुद सोचने मत लग जाएं। अगर कोई बात नहीँ कर रहे तो उनकी चुप्पी का अर्थ स्वयं निकालने न लग जाएं। निगेटिव सोच रखने से आप दूसरोँ द्वारा कही गई हर बात को निगेटिव नजरिये के साथ देखने लग जांएगे। अगर आप नहीँ जानते कि दूसरे लोग क्या सोच रहे है तो खुद ही कुछ भी सोचना शुरु मत कर दीजिए। * उम्मीद करना छोड़ दीजिए, खुद के लिए नाजायज और सख्त नियम मत बनाइए। दुनिया जैसी है, उसके साथ वैसा ही आगे बढ़ते जाइए। दुनिया को वैसे चलाने का प्रयास मत करिए जैसा आप चाहते हैँ। जीवन मेँ ऐसा कोई नियम-कानून नहीँ है कि जैसा आप चाहते हैँ जिँदगी ठीक वैसा ही आपको दे। दूसरोँ के साथ-साथ खुद से भी बड़ी-बड़ी उम्मीदेँ लगाना छोड़ दीजिए।

23 comments:

Kailash Sharma said...

सकारात्मक सोच सफल और संतुष्ट जीवन के लिए बहुत आवश्यक है...बहुत सारगर्भित प्रस्तुति...

कौशल लाल said...

सारगर्भित सकारात्मक प्रस्तुति........

ब्लॉग बुलेटिन said...

ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, पागलों की पहचान - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

JEEWANTIPS said...

कैलाश जी व कौशल जी आपका ब्लॉग की नई पोस्ट के लिए अपने अमूल्य विचार व्यक्त करने हेतु धन्यवाद!
JEEWANTIPS

डॉ. जेन्नी शबनम said...

सही कहा सकारात्मक सोच सफल जीवन का मंत्र है. अच्छी प्रस्तुति.

JEEWANTIPS said...

जीवनटिप्स की पोस्ट को आपके ब्लॉग पोस्ट का हिस्सा बनाने के लिए बहुत आभार!

डॉ. मोनिका शर्मा said...

सार्थक विचार

Himkar Shyam said...

सुंदर और सार्थक विचार

प्रतिभा सक्सेना said...

यथार्थ है!

Shanti Garg said...

बहुत ही उम्दा भावाभिव्यक्ति....
आभार!
इसी प्रकार अपने अमूल्य विचारोँ से अवगत कराते रहेँ।
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।

Mahesh Barmate "Maahi" said...

बहुत अच्छा लिखते हैं आप
आभार

जमशेद आज़मी said...

अच्‍छी रचना की प्रस्‍तुति।

जमशेद आज़मी said...

अच्‍छी रचना की प्रस्‍तुति।

Madhulika Patel said...

बहुत बहतरीन लेख ।

Jyotsana pradeep said...

sakratmak soch par behatreen lekh.

Surendra shukla" Bhramar"5 said...

उम्दा भावाभिव्यक्ति....

Anonymous said...

बढ़िया

Sanju said...

Very nice post ...
Welcome to my blog

nayee dunia said...

सुंदर और सार्थक विचार

जमशेद आज़मी said...

बिल्‍कुल सच्‍ची बात।

Unknown said...

सहमत, सहीं कहाँ आपने
http://savanxxx.blogspot.in

Onkar said...

सही कहा

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

उम्दा प्रस्तुति