नकारात्मक सोच के कई कारण होते हैँ। कोई व्यक्ति किसी एक कारण के चलते नकारात्मक सोच रख सकता है तो दूसरे की सोच नकारात्मक होने का कोई दूसरा कारण हो सकता है। इसलिए अपनी सोच की तुलना दूसरोँ की सोच के साथ मत करिए।
नकारात्मकता से बाहर निकलने के भी कई रास्ते या तरीके हो सकते हैं। इनमेँ से कुछ प्रमुख व चुनिंदा तरीकोँ के बारे मेँ बताया जा रहा है।
* हर बात की गहराई तक सोचना बंद कर दीजिए। जिदंगी 100 फीसदी आसान या 100 फीसदी कठिन नहीँ हो सकती है। नए लोगोँ से मुलाकात करने से पहले कुछ नर्वसनेस होती है
लेकिन