समाज और परिवार मेँ शांति बनाए रखने के लिए हमेँ एक सभ्य इंसान के तौर पर इस राक्षसी आवेग (क्रोध) पर नियंत्रण करना सीखना चाहिए। क्रोध पर विजय हासिल किए बिना विकास संभव नहीँ है। एक कहावत है कि क्रोध है तो संकट ज्यादा दूर नहीँ है। जब कोई क्रोध मे है, तो वह निश्चित रूप से कोई न कोई नुकसान पहुँचाने वाला होता है क्योकि उस समय उसकी बुद्धि उसे गंभीर अपराध करने से भी नहीँ रोक पाती है। जब क्रोध पर काबू न हो तो अच्छे-बुरे मेँ अंतर की शक्ति नहीँ रह जाती। क्रोध जब अनियंत्रित होकर तेजी से बाहर फूटता है, तो इससे व्यक्ति की जिँदगी मेँ काफी समस्याएँ जन्म लेती हैँ।
क्रोधी व्यक्ति खुद के नुकसान के साथ अपने आस-पास के लोगोँ का भी नुकसान करते हैं। शोध से सामने आया है कि क्रोध से शरीर मे विष बनता है, जिससे उच्च रक्तचाप, ह्दय रोग व कई अन्य बीमारियाँ जन्म लेती हैँ। क्रोध पर नियंत्रण करना आसान है। यदि हम क्रोध की वजह को समझेँ। क्रोध को जीतने का बड़ा ही सरल उपाय है कि आप सोचना बंद कर देँ कि आप नियंत्रक हैँ, सबकुछ आपकी मुट्ठी मेँ है। साथ ही यह उम्मीद करना भी छोड़ दे कि दुनिया मेँ सबकुछ आपकी इच्छा के अनुसार होगा। अपनी आवश्यकताओँ को कम करना और दूसरोँ से अपेक्षाएं कम रखना क्रोध को नियंत्रित करने का सशक्त तरीका है। फिर आप शांतिपूर्ण जीवन जी सकते हैँ।
14 comments:
सही कहा आपने
सच कहा, सुंदर प्रस्तुति
Bahut sahi kaha hai aapne,
krodh sabhi samasyao ki jad hai.
Thanks for useful lesson.
क्रोध आपका बर्तमान और भविष्य दोनों हे को नुकशान पहुचाता है । बहुत सही कहा आपने |
बहुत सही कहा आपने !
हिंदीकुंज.कॉम
बहुत सही बात
बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति....
अच्छी सलाह है। इसके लिए आपका आभार।
सत्य वचन...
http://savanxxx.blogspot.in
VERY ELABORATING TIPS TO CONTROL ONE OF THE VICES KAM KRODH LOBH MOH THNKS
GOOD JOB BUDDY
सुंदर !
सुन्दर व सार्थक रचना ..
मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है...
बेहतरीन :-)
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