समस्या का कोई आकार नही होता और उसका छोटा या बडा होना हमारे उसे हल करने की शक्ति पर निर्भर करता है। हम हमारे अनुसार उसे छोटा या बड़ा मान लेते है। इसके अतिरिक्त यदि हम उसका सही समय पर निराकरण नही करते है तो समस्या आगे बढ जाती है और हमे बड़ी लगने लगती है ।इसलिए समस्या के आकार को देखने अथवा उससे घबराने के बजाय हमे उसका सही समय पर समाधान खोजकर निराकरण कर देना चाहिए ।
5 comments:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (19-11-2018) को "महकता चमन है" (चर्चा अंक-3160) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
राधा तिवारी
Radha ji,
THANKS
सही कहा.......
आभार ।
सार्थक सुझाव
Very good post...
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